Heart stroke meaning in hindi, Heart stroke का मतलब क्या है

हार्ट स्ट्रोक, जिसे सेरेब्रोवास्कुलर एक्सीडेंट (सीवीए) भी कहा जाता है, एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो तब होती है जब मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति अचानक बाधित या कम हो जाती है। यह रक्त वाहिका में रुकावट या रक्तस्राव के कारण हो सकता है। मस्तिष्क को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की तत्काल आवश्यकता होती है, और रक्त आपूर्ति में कमी मस्तिष्क की कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त या मार सकती है। Heart stroke kya hai, Heart stroke ka matlab kya hai, Heart stroke meaning in hindi

लक्षण

Heart stroke के लक्षण अचानक और गंभीर होते हैं, और इनमें शामिल हो सकते हैं:

  • चेहरे, हाथ या पैर में अचानक सुन्नता या कमजोरी, खासकर शरीर के एक तरफ।
  • भ्रम या बोलने में परेशानी।
  • एक या दोनों आंखों से देखने में अचानक परेशानी।
  • चलने में परेशानी, चक्कर आना, या समन्वय में कमी।
  • बिना किसी ज्ञात कारण के अचानक तीव्र सिरदर्द होना।

कारण

Heart stroke के दो मुख्य प्रकार होते हैं:

  • इस्केमिक स्ट्रोक: यह तब होता है जब मस्तिष्क की रक्त वाहिका में रुकावट होती है। यह आमतौर पर थक्के के कारण होता है जो रक्त वाहिका को अवरुद्ध करता है।
  • हेमरेजिक स्ट्रोक: यह तब होता है जब मस्तिष्क में रक्त वाहिका फट जाती है। इससे मस्तिष्क में रक्तस्राव होता है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।

जोखिम कारक

Heart stroke के कई जोखिम कारक हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • उच्च रक्तचाप।
  • उच्च कोलेस्ट्रॉल।
  • धूम्रपान।
  • मधुमेह।
  • हृदय रोग।
  • मोटापा।
  • असक्रिय जीवनशैली।
  • पारिवारिक इतिहास।
  • उम्र।

रोकथाम

Heart stroke के खतरे को कम करने के लिए कई चीजें की जा सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाना: इसमें धूम्रपान छोड़ना, स्वस्थ आहार खाना, नियमित व्यायाम करना और स्वस्थ वजन बनाए रखना शामिल है।
  • रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह जैसी चिकित्सा स्थितियों को नियंत्रित करना।
  • दवाओं का सेवन करना: डॉक्टर रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल या रक्त के थक्कों को रोकने के लिए दवाएं लिख सकते हैं।
  • नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाना: डॉक्टर Heart stroke के जोखिम कारकों का पता लगा सकते हैं और उन्हें नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

उपचार

Heart stroke के उपचार का लक्ष्य मस्तिष्क को रक्त प्रवाह को बहाल करना और मस्तिष्क क्षति को कम करना है। उपचार में दवाएं, थक्के को हटाने के लिए सर्जरी या रक्तस्राव को रोकने के लिए सर्जरी शामिल हो सकती है।

दिल का दौरा क्या है

दिल का दौरा (हृदयघात) तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली कोरोनरी धमनियों में से एक या एक से अधिक में रुकावट आ जाती है। यह रुकावट आमतौर पर प्लाक के जमाव के कारण होती है, जो एक चिपचिपा पदार्थ है जिसमें वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थ होते हैं। जब रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है, तो हृदय की मांसपेशियों को ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, जिससे हृदय की मांसपेशियों को क्षति या मृत्यु हो सकती है।

दिल के दौरे के लक्षण क्या हैं

दिल के दौरे के लक्षण हर व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • सीने में दर्द, जकड़न या दबाव
  • सांस लेने में तकलीफ
  • मतली या उल्टी
  • ठंडी पसीना
  • चक्कर आना या हल्का महसूस करना
  • जबड़े, गर्दन, हाथ या पीठ में दर्द, Heart stroke kya hai, Heart stroke ka matlab kya hai, Heart stroke meaning in hindi

दिल का दौरा किसे होता है

दिल का दौरा किसी को भी हो सकता है, लेकिन यह 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में अधिक आम है। अन्य जोखिम कारकों में शामिल हैं:

  • उच्च रक्तचाप
  • उच्च कोलेस्ट्रॉल
  • मधुमेह
  • धूम्रपान
  • मोटापा
  • परिवार में हृदय रोग का इतिहास
  • शारीरिक रूप से निष्क्रिय होना

दिल का दौरा कैसे रोका जा सकता है

दिल के दौरे के खतरे को कम करने के लिए आप कई चीजें कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • स्वस्थ आहार खाना
  • नियमित रूप से व्यायाम करना
  • धूम्रपान छोड़ना
  • स्वस्थ वजन बनाए रखना
  • उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना
  • मधुमेह का प्रबंधन करना
  • नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाना

दिल का दौरा होने पर क्या करें

यदि आपको लगता है कि आपको दिल का दौरा पड़ रहा है, तो तुरंत 108 पर कॉल करें या निकटतम आपातकालीन कक्ष में जाएं। जल्दी से चिकित्सा सहायता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है ताकि हृदय की क्षति को कम किया जा सके।

दिल के दौरे का इलाज कैसे किया जाता है

दिल के दौरे के उपचार में आमतौर पर रुकावट को दूर करने और हृदय की मांसपेशियों को रक्त प्रवाह बहाल करने के लिए दवाएं या चिकित्सा प्रक्रियाएं शामिल होती हैं। इसमें शामिल हो सकते हैं:

  • एंजियोप्लास्टी और स्टेंट: इस प्रक्रिया में, डॉक्टर रुकावट वाली धमनी में एक छोटी ट्यूब डालते हैं और इसे खोलने के लिए एक गुब्बारे का उपयोग करते हैं। फिर रुकावट को दोबारा बंद होने से रोकने के लिए एक स्टेंट नामक एक छोटी सी ट्यूब को धमनी में रखा जाता है।
  • कोरोनरी बाईपास सर्जरी: इस सर्जरी में, डॉक्टर हृदय को रक्त की आपूर्ति करने के लिए रुकावट वाली धमनी के चारों ओर एक नई रक्त वाहिका बनाते हैं।

दिल के दौरे के बाद क्या होता है

दिल का दौरा एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है, और आपको ठीक होने में समय लगेगा। आपको अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना होगा, जिसमें दवाएं लेना, स्वस्थ जीवनशैली में बदलाव करना और पुनर्वास कार्यक्रम में भाग लेना शामिल हो सकता है। Heart stroke kya hai, Heart stroke ka matlab kya hai, Heart stroke meaning in hindi

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